One Nation One Election – कोविंद कमेटी ने राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपी 18 हजार पेज, 2029 में एकसाथ चुनाव कराने की सिफारिश।
कोविंद कमेटी ने राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपी 18 हजार पेज, 2029 में एकसाथ चुनाव कराने की सिफारिश।
रिपोर्ट में 2029 में एकसाथ चुनाव का टारगेट रखा गया है। उसके आधार पर विधानसभाओं और नगरीय निकाय के चुनाव का मॉडल दिया गया है।
वन नेशन वन इलेक्शन पर विचार के लिए बनाई गई पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने गुरुवार (14 मार्च) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। पैनल ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति को 18,626 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी। इसमें कहा गया है कि रिपोर्ट 2 सितंबर 2023 को पैनल के गठन के बाद से हितधारकों और एक्सपर्ट्स परामर्श और 191 दिन के रिसर्च का नतीजा है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एक देश-एक चुनाव पर 47 राजनीतिक दलों ने कमेटी को अपनी राय दी। जिनमें से 32 ने पक्ष में और 15 विपक्ष में मत रखा है।
रिपोर्ट के पेज नंबर 25 पर बताया गया है कि एक देश-एक चुनाव के लिए 47 में 32 राजनीतिक दलों ने सहमति और 15 दलों ने असहमति दर्ज की है।
पैनल के सुझाव—
पहले एक साथ चुनावों के लिए, सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक खत्म होने वाले समय के लिए किया जा सकता है।
हंग हाउस, नो कॉन्फिडेंस मोशन होने पर बाकी 5 साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं।
पहले फेज में लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं, उसके बाद दूसरे फेज में 100 दिनों के भीतर लोकल बॉडी के इलेक्शन कराए जा सकते हैं।
चुनाव आयोग लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से सिंगल वोटर लिस्ट और वोटर आई कार्ड तैयार करेगा।
कोविंद पैनल ने एक साथ चुनाव कराने के लिए उपकरणों, जनशक्ति और सुरक्षा बलों की एडवांस प्लानिंग की सिफारिश की है।
एक देश, एक चुनाव पर रिपोर्ट में इस चीज की भी सिफारिश!
वन नेशन वन इलेक्शन’ से जुड़ी यह रिपोर्ट आठ वॉल्यूम्स में हो सकती है और यह 18 हजार पेजों की हो सकती है। समिति देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए संविधान के अंतिम पांच अनुच्छेदों में संशोधन की सिफारिश कर सकती है।प्रस्तावित रिपोर्ट लोकसभा, राज्य विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए एक एकल मतदाता सूची पर भी ध्यान केंद्रित करेगी।
कोविंद समिति में अमित शाह और गुलाम नबी आजाद हैं सदस्य
रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष कश्यप और वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे भी हैं। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी समिति का सदस्य बनाया गया था पर उन्होंने समिति को पूरी तरह से छलावा करार देते हुए मना कर दिया।विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य हैं।